Roos, Russia Aur Rasputin : Zarasahi ka itihasa. / Pravina Kumara Jha.

By: Jha, Pravina KumaraContributor(s): Praveen Kumar JhaMaterial type: TextTextPublisher number: : Zafaa Books & Distributors | : 313/56F, 49A, Anand Nagar, Inderlok, Delhi.Publication details: , New Delhi : Vani Prakashan ,2022Description: 134p. : 24cmISBN: 9789355182845Subject(s): Roos | Russia | Rasputin | Czarshashi Ka ItihasDDC classification: 947 JHA Summary: रूस, रशिया और रासपूतिन : ज़ारशाही का इतिहास - साइबेरिया से बाल्टिक सागर तक फैले दुनिया के सबसे बड़े देश का इतिहास। एक ऐसा इतिहास जिसके बिना आज की जियोपॉलिटिक्स समझनी असम्भव है। यह इतिहास वाइकिंग युग से होते हुए चंगेज़ ख़ान और ज़ारशाही के ऐसे दौर से गुज़रता है, जिसमें जिजीविषा है, धर्मयुद्ध है, रक्तपात है, षड्यन्त्र है, रोमांस है, क्रान्ति है। यह एक देश ही नहीं, दुनिया के निर्माण की कथा है। एक ऐसे विचार के जन्म की नींव है, जिसने आधुनिक विश्व की तासीर तय की। सामन्तवादी से साम्यवादी रूस के सफ़र का रहस्यमय और रोमांचक इतिहास एक नयी क़लम से नये अन्दाज़ में लिखा गया है। 'कुली लाइन्स' के लेखक प्रवीण कुमार झा की इस नयी पुस्तक की गति आज की तेज़ भागती दुनिया के मद्देनज़र है।
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रूस, रशिया और रासपूतिन : ज़ारशाही का इतिहास - साइबेरिया से बाल्टिक सागर तक फैले दुनिया के सबसे बड़े देश का इतिहास। एक ऐसा इतिहास जिसके बिना आज की जियोपॉलिटिक्स समझनी असम्भव है। यह इतिहास वाइकिंग युग से होते हुए चंगेज़ ख़ान और ज़ारशाही के ऐसे दौर से गुज़रता है, जिसमें जिजीविषा है, धर्मयुद्ध है, रक्तपात है, षड्यन्त्र है, रोमांस है, क्रान्ति है। यह एक देश ही नहीं, दुनिया के निर्माण की कथा है। एक ऐसे विचार के जन्म की नींव है, जिसने आधुनिक विश्व की तासीर तय की। सामन्तवादी से साम्यवादी रूस के सफ़र का रहस्यमय और रोमांचक इतिहास एक नयी क़लम से नये अन्दाज़ में लिखा गया है। 'कुली लाइन्स' के लेखक प्रवीण कुमार झा की इस नयी पुस्तक की गति आज की तेज़ भागती दुनिया के मद्देनज़र है।

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